गणेशोत्सव2021: गणेशोत्सव के लिए नगर निगम के नियम घोषित
गणेशोत्सव के ठीक दो दिन दूर होने के साथ ही अब बीएमसी ने घरेलू और सार्वजनिक गणेश मंडलों के लिए नियमों की घोषणा कर दी है पिछले साल की तरह इस बार भी कई पाबंदियां रखी गई हैं और इस बार नियमों में वैक्सीन के 2 सूत्री नियम को फिर से लागू किया गया है।
इसमें शर्त रखी गई है कि केवल 2 वैक्सीन की मात्रा लेने वाले कार्यकर्ताओं को ही प्राथमिकता दी जाए। सार्वजनिक निकायों में आगमन और विसर्जन के जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गई है । इसमें सार्वजनिक शरीर में गणेश की मूर्तियों के भौतिक स्वरूप और प्रकट होने पर भी सख्ती से रोक लगा दी गई है। यह भी व्यवस्था की गई है कि सर्किलों में दर्शन ऑनलाइन, केबल नेटवर्क, फेसबुक, सोशल मीडिया की व्यवस्था होनी चाहिए।
इस वर्ष का गणेशोत्सव भी संक्रमण की छाया में है क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर की उम्मीद है। इसलिए गणेशोत्सव मनाते समय लोक निकायों को कई नियमों का पालन करना होगा। निगम ने पिछले साल सार्वजनिक निकायों पर जितने भी नियम लागू किए थे, वे सभी इस साल भी लागू कर दिए गए हैं। हालांकि प्रशासन ने अभी भी नए नियमों की घोषणा की है।
यह नियम सार्वजनिक निकायों के साथ-साथ गणेशीदिलों को घर लाने वालों के लिए अनिवार्य होगा। नियम यह रखा गया है कि घरेलू गणेशीदोजल दो फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए जबकि सार्वजनिक त्योहार की मूर्तियां चार फीट से ज्यादा लंबी नहीं होनी चाहिए।
नियम क्या हैं?
- गणेशोत्सव के दौरान सामाजिक दूरी बनाने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क आदि का प्रयोग करने के लिए प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
- देशी गणेश जी की मूर्ति का आगमन जुलूस के रूप में नहीं करना चाहिए।
- आगमन के लिए अधिकतम पांच व्यक्तियों का समूह होना चाहिए।
- इन व्यक्तियों को जितना हो सके वैक्सीन की दोनों मात्रा लेनी चाहिए थी।
- घरगुती मूर्ती शक्यतो धातूची किंवा संगमरवराची असावी आणि त्याचे घरीच प्रतीकात्मक विसर्जन करावे.
- शाडूची मूर्ती असल्यास घरच्या घरीच बादलीत विसर्जन करावे.
- शक्य नसल्यास जवळच्या कृत्रिम तलावावर विसर्जन करावे.
- विसर्जनालाही मिरवणुकीने जाऊ नये. घरगुती विसर्जनाच्या वेळी चाळीतील, इमारतीतील सर्व मूर्ती एकत्रितरित्या नेऊ नयेत.
- विसर्जनाच्या वेळी केली जाणारी आरती व पूजा घरीच करावी.
- प्रतिबंधित क्षेत्रातील सार्वजनिक मंडळांनी गणपतीचे विसर्जन मंडपातच करावे किं वा पुढे ढकलावे, तर प्रतिबंधित इमारतीतील घरगुती गणपतींचे विसर्जन घरीच करायचे आहे.
सार्वजनिक गणेशमूर्तीच्या आगमनाच्या व विसर्जनाच्या वेळी १० पेक्षा अधिक कार्यकर्ते असू नयेत. या कार्यकर्त्यांनी लशीच्या दोन्ही मात्रा घेऊन पंधरा दिवस झालेले असावेत. सार्वजनिक मंडळांनी हार, फु ले यांचा कमी वापर करून निर्माल्याचे प्रमाण कमीत कमी तयार होईल याची काळजी घेण्याबाबतही सांगण्यात आले आहे. तसेच विसर्जनासाठीचे वाहन धीम्या गतीने नेऊ नये, अशीही नवीन अट घालण्यात आली आहे. तसेच विसर्जनादरम्यान भक्तांना दर्शन घेऊ देणे आणि पूजा करू देणे यालाही मनाई करण्यात आली आहे.
१७३ कृत्रिम तलाव
गणेशमूर्तीच्या विसर्जनासाठी यंदा पालिके ने कृत्रिम तलावांची संख्या वाढवली आहे. यावेळी १७३ ठिकाणी कृत्रिम तलाव निर्माण करण्यात आले आहेत, तर ७३ ठिकाणी नैसर्गिक विसर्जनस्थळे आहेत. तसेच काही विभागांतर्गत मूर्ती संकलन केंद्रही स्थापन करण्यात आली आहेत.