Kisan Mahapanchayat LIVE: करनाल में सरकार और किसानों के बीच बातचीत बेनतीजा, टिकैत बोले- अब होगा घेराव

 दिल्‍ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर करनाल के बसताड़ा टोल प्‍लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों की महापंचायत हुई। महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। इस दौरान प्रशासन की अपील पर संयुक्‍त किसान मोर्चा वार्ता के लिए मान गए। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और योगेंद्र यादव की 11 सदस्‍यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। हालांकि तीन दौर की बातचीत विफल रही। इसके बाद सभी महापंचायत स्‍थल की ओर लौट गए। 

इस तरह चली वार्ता

  • किसान महापंचायत में प्रशासन ने वार्ता के लिए संदेश भेजा। 
  • 11 सदस्‍यीय कमेटी, राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, योगेंद्र यादव के साथ लघु सचिवालय पहुंचे।
  • यहां पर अधिकारियों के आदेश के बाद अंदर जाने दिया गया। 
  • लघु सचिवालय के बाहर ही समर्थकों को रोक लिया गया। करीब सौ लोगों की भीड़ जुट गई। 
  • करीब दो घंटे तक दो दौर की वार्ता चली। 
  • इसके बाद सभी किसान नेता बाहर आ गए। 
  • किसान नेता जोगेंद्र उगरहा और राकेश टिकैत प्रेस से बातीचत करने लगे। 
  • जोगेंद्र ने कहा, प्रशासन ने मांग नहीं मानी है। सरकार मांग नहीं मान रही है। अब हम अपना काम करेंगे, प्रशासन अपना काम करे। 
  • टिकैत ने कहा, फैसला महापंचायत स्‍थल में होगा। 
  • तभी प्रशासन की तरफ से तीसरे दौर की वार्ता के लिए बुलाया गया। 
  • करीब पांच मिनट के बाद‍ फिर से किसान नेता बाहर आ गए। 
  • किसान नेताओं ने बताया कि वार्ता विफल रही है। 
  • प्रशासन से जो मांग की वो नहीं मान रहे। 

ये मांग की थी प्रशासन से

राकेश टिकैत ने बताया कि प्रशासन से मांग की गई थी कि एसडीएम आयुष सिन्‍हा पर कार्रवाई की जाए। लाठीचार्ज मामले में उन पर जांच बैठाई जाए। हालांकि प्रशासन ने इस मांग को नहीं माना। 

महापंचायत की ओर लौटे किसान नेता

सभी किसान नेता बैठक कक्ष से बाहर निकल आए। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत की। किसान नेताओं ने कहा कि अभी पंचायत स्‍थल में जाकर फैसला लिया जाएगा। वहीं पर फैसला होगा कि अब आगे क्‍या करना है। 

तनाव की स्थिति

किसान नेताओं के जाते ही पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गए हैं। सभी सुरक्षा बलों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया हे। साथ ही लघु सचिवालय में भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।   

वहीं, किसान नेताओं के पहुंचने पर लघु सचिवालय की किलेबंदी कर दी गई थी। सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ा दी गई थी। बिल्डिंंग की तरफ आने जाने वाले रास्‍तों पर सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए गए थे।  

योगेंद्र यादव ने कहा, सरकार के आदेश के बाद करनाल डीसी ने प्रेसवार्ता करके इंटरनेट बंद करने और किसानों को आने से रोकने के लिए कहा गया था। संयुक्‍त किसान मोर्चा ने इसे एक चुनौती के तौर पर लिया। शाम को ही इस बारे में शीर्ष नेताओं ने बैठक करके मंथन किया। इसके बाद कूच किया गया। योगेंद्र यादव ने कहा, अब सरकार से पूछना चाहते हैं कि कौन सा कानून किसी का सिर फोड़ने की इजाजत देता है।

उन्‍होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि अनुशासन किसी भी सूरत में भंग नहीं होना चाहिए। ये तो सरकार की मंशा है कि अनुशासन भंग हो और आंदोलन को भी भंग कर दिया जाए, लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देगा। आज दिखा देंगे किसान अनुशासन प्रिय, न्‍याय प्रिय और एकता शक्ति वाला है।

चढ़ूनी ने कहा, प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया। प्रशासन ने कहा कि लघु सचिवालय में घेराव करने से पहले एक बार बात जरूर करें। चढ़ूनी ने मंच से ही लोगों की राय मांगी। उन्‍होंने कहा कि कूच करना चाहिए या नहीं। कुछ लोगों ने समर्थन किया तो कुछ लोगों ने इसे नकारा। वहीं चढ़ूनी ने वार्ता की बात की तो सभी ने समर्थन किया। प्रशासन ने 11 सदस्‍यीय कमेटी को वार्ता के लिए जिला लघु सचिवालय बुलाया है।

ये कमेटी करेगी प्रशासन से बातचीत

करनाल प्रशासन द्वारा मीटिंग की पेशकश पर किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, डा. दर्शनपाल, राम पाल चहल, अजय राणा, सुखविंद्र सिंह, विकास सिसर, योगेंद्र यादव, कामरेड इंद्रजीत सिंह, सुरेश गोत को कमेटी में शामिल किया गया है।

हथियार लेकर आए हमारे दुश्‍मन

चढ़ूनी ने कहा, सूचना मिली है कि हमारे बीच कुछ लोग हथियार लेकर आए हैं। ये गलत है। अगर ऐसा है तो तुंरत उनकी पहचान करके मंच में लाया जाए। जो हथियार लेकर आए हैं। वो हमारे दुश्‍मन हैं। हमें वार नहीं करना है, शांतिपूर्ण ढ़ंग से बात रखनी है।

करनाल जिला और पुलिस प्रशासन ने जारी किए निर्देश

करनाल में किसान महापंचायत को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं। प्रशासन बयान जारी किया है कि पंचायत में लाठी, जेली, लोहे की राड आदि से लैस कुछ तत्व रंभा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य स्थानों से अनाज मंडी पहुंचे हैं। वे कोई अप्रिय घटना कर सकते हैं। ऐसे शरारती तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए किसान नेताओं ने कोशिश की, लेकिन वे अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं। करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है। ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।

  • करनाल महापंचायत में 12.04 बजे किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव सहित पंजाब से किसान नेता राजेवाल भी महापंचायत में पहुंचे। लघु सचिवालय की तरफ किसानों के शांतिपूर्वक कूच के लिए प्रशासन के साथ मीटिंग शुरू। राकेश टिकैत के महापंचायत में पहुंचते ही किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू की।
  • शहर में एंट्री के लिए सुबह दो पहिया व चार पहिया वाहनों को ढील दी गई थी, लेकिन 12 बजे किसानों के लघु सचिवालय के लिए कूच की रणनीति की सूचना के बाद नाकाबंदी पर सख्ती कर दी गई। यही हालात शहर के सभी एंट्री प्वायंट पर है। पुलिस पैदल जाने वालों को भी आवाजाही के लिए रोक रही है। आवाजाही बंद के कारण पुलिस की नाकों के दोनों तरफ वाहनों का जाम लगना शुरू हो गया है।
  • विशेष तौर पर करनाल सेक्टर-12 लघु सचिवालय के आसपास खुले कार्यालयों व दुकानों के पुलिस ने शटर डाउन करवाए और एसपी ने पुलिस नाकों का निरीक्षण कर जवानों को अलर्ट रहने के आदेश दिए।
  • महापंचायत में पहुंचने के लिए सुबह दस बजे का समय निर्धारित किया गया था। करीब सवा घंटे बाद 11:15 बजे महापंचायत शुरू हुई। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पहुंच गए हैं। 
  • गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि देश भर से कई बड़े किसान नेताओं का समर्थन मिल रहा है। करनाल की जमीन पर सैलाब आएगा। हरियाणा सहित तेलंगाना, पंजाब, केरल, दक्षिण भारत और मध्‍य प्रदेश से किसान नेता महापंचायत में आए हैं। उन्‍होंने कहा, हम पहले मिशन में कामयाब हो गए। पुलिस प्रशासन ने रोकने की कवायद तो की, लेकिन महापंचायत शुरू हो गई। अब दूसरे मिशन लघु सचिवालय के घेराव के लिए मंच से फैसला लिया जाएगा। चढ़ूनी ने कहा, मंच में संयुक्‍त रूप से साझा निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद मंच से ही निर्णय बता दिया जाएगा। हम हर हालत में कामयाब होंगे।
  • किसान महापंचायत में लगभग चार हजार की किसानों को गुरनाम सिंह ने 11.28 बजे संबोधन शुरू किया है। इस दौरान किसान ने नारेबाजी भी की। किसान महापंचायत शुरू होते ही जिला सचिवालय को जाने वाले मार्ग पर पुलिस सतर्क हो गई और रास्ते में रेत-बजरी के डंपर खड़े कर दिए गए। इस मौके पर महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन हुड्डा, सुदेश गोयत, मध्यप्रदेश से गुरनाम सिंह, तेलंगाना से वी वेकेंट, केरल से पी कृष्णाप्रसाद, कामरेड इंद्रजीत सिंह, प्रदीप हुड्डा, जगदीप औलख, अजय सिंह राणा मौजूद थे।

यहां-यहां पुलिस का पहरा

अनाज मंडी में किसानों की महापंचायत के चलते सुरक्षा की हिदायत से शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। बलड़ी बाइपास, अग्रसेन चौक, अंबेदकर चौक, बस स्टैंड, नमस्ते चौक, आइटीआइ चौक, सेक्टर-6 चौक, हांसी रोड, चिढ़ाव मोड, काछवा रोड स्थित पिंगली चौक के पास पुलिस का पहरा है।

महापंचायत से पहले ही करनाल में तेज बारिश हो रही है। वहीं, महापंचायत की वजह से प्रशासन भी अलर्ट है। करनाल में धारा 144 लागू है। दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर रूट डायवर्ट किया गया। करनाल, पानीपत सहित पांच जिलों में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं, भाकियू प्रदेशाध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक वीडियो जारी किया है। 

10 बजे तक नई अनाज मंडी का शेड पूरा खाली था। स्‍टेज पर कोई नहीं था। अनाज मंडी के पांचों गेट पर पुलिस तैनात है। अश्‍व पुलिस की एक टुकड़ी तैनात की गई है। पंचायत अपने निर्धारित समय से करीब दो घंटै देरी से शुरू हो सकती है।

चढ़ूनी ने की अपील

चढ़ूनी ने वीडियो जारी कर कहा, पुलिस ने अनाज मंडी में पंचायत को लेकर नाके लगाकर सील कर दिया गया था। वहीं, अब मैसेज आया है कि पुलिस नाके खोल कर दिया गया है। किसी को रोका नहीं जाएगा। चढ़ूनी ने कहा कि अब साथियों से अपील है कि शा‍ंंति से मंडी में पहुंचना है। हुल्‍लड़बाजी और हंगामा नहीं करना है। रास्‍ते में पुलिस खड़ी हो तो उनसे कुछ नहीं बोलना है। हमारा आंंदोलन शांतिपूर्वक रहेगा। किसी साथी ने गड़बड़ी की तो आंदोलन टूट जाएगा। किसी को कोई गड़बड़ नहीं करनी है। पुलिस का मैसेज आ गया है कि सारे बैरिकेड्स हटा रहे हैं। वहीं, किसान पंचायत में फैसला लिया जाएगा।

करनाल अनाज मंडी में एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी

सुबह 8 बजे से ही बूंदाबांदी के बावजूद करनाल अनाज मंडी में किसान इक्ट्ठा हुए थे। प्योंत टोल और बसताड़ा टोल पर रणनीति तैयार करने के बाद किसान नारेबाजी करते हुए अनाज मंडी पहुंचे और मंडी लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के आवागमन बढ़ने के साथ-साथ हालात नाजुक बने हुए हैं।

  • दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर आवाजाही के लिए वाहनों को पेप्सी पुल (पानीपत) से होते हुए मूनक से असंध या फिर मूनक से गगसीना और घोघडीपुर से होते हुए हांसी चौक, बाईपास, पश्चिमी यमुना नहर कर्ण लेक जीटी रोड-44 होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जा रहा है। चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को पिपली चौक (कुरुक्षेत्र) से लाडवा, इंद्री, ब्याना, नेवल और कुंजपुरा से होते हुए नंगला मेघा, मेरठ रोड से अमृतपुर खुर्द, कैरवाली, घरौडा से जीटी रोड-44 से दिल्ली की ओर निकाला जाएगा।
  • एक तरफ किसान जहां अपनी जिद पर अड़े हैं वही किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा का सख्त पहरा लगाया है। लघु सचिवालय के आसपास रात से ही पुलिस व सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गई और सुरक्षा की हिदायत से सुबह वाटर कैनन के अलावा, रेत-बजरी के डंपरों से सड़कों को बंद करना शुरू कर दिया गया है।

पूरी रात प्रशासन करता रहा मोर्चाबंदी

किसानों की लघु सचिवालय घेराव की चेतावनी के बाद पूरी रात प्रशासन शहर की मोर्चाबंदी करता रहा। पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों के साथ औद्योगिक क्षेत्र, निर्मल कुटिया सहित हाइवे से जुड़े शहर के लिंक रोड पर पुलिस नाकों की तैनाती की गई। सुबह से ही डीसी निशांत कुमार यादव, एसपी गंगा राम पूनिया के अलावा, प्रशासनिक अधिकारी नाकों का मुआयना करते दिखाई दिए गए। सादी वर्दी में पुलिस के जवान किसानों की मूवमेंट की उच्चाधिकारियों को जानकारी देते दिखाई दिए।

शहर में छुट्टी जैसा माहौल

मंगलवार के बावजूद शहर में आज छुट्टी जैसा माहौल है। शहर के प्रत्येक एंट्री प्वायंट पर पुलिस नाके के चलते व्यापारियों ने अपनी दुकानों को बंद रखा। 10.30 बजे तक बाजारों में रोजाना के मुकाबले वाहनों की संख्या कम दिखाई दी। केवल शहरवासी ही दोपहिया वाहन से जरूरी काम से घर से निकलते दिखाई दिए, जबकि आसपास से आने वाले चार पहिया वाहनों की संख्या काफी कम थी। बाजार में छुट्टी जैसे हालात बने हुए हैं। इसी तरह सेक्टर-12 के आसपास अधिकतर सड़कों पर आमजन के अलावा खाकी वर्दी का पहरा दिखाई दिया।

हरियाणा सरकार के आदेशों के बाद कई जिलों की पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स बुला ली गई है। सरकार ने करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में भी सोमवार रात 12 बजे से इंटरनेट व एसएमएस सेवा बंद कर दी है। यह पाबंदी मंगलवार रात 12 बजे तक लागू रहेगी। पुलिस-प्रशासन का दावा है कि किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी।

अनाजमंडी में फोर्स पहुंच रही है

अनाजमंडी में बड़ी संख्‍या में फोर्स पहुंच रही है। ट्रकों और डंपरों को खड़ा किया गया है। साथ ही हाईवे की तरफ जाने वाले रास्‍ते पर बांस, बैरिकेड्स और तारों को लगाया गया है। दमकल की गाडि़यों को तैनात किया गया है।

  • आसपास के जिलों से पुलिस फोर्स को बुला ली गई है।
  • अनाज मंडी में काफी संख्‍या में रैपिड एक्‍शन फोर्स के जवान सहित सुरक्षा बल तैनात हैं।
  • अधिकारियों की अपील है कि लोग घरों से बाहर बेवजह न निकलें। शांतिपूर्ण तरीके से किसानों की बात सुनी जाएगी।
  • महिला पुलिस को भी बुलाया गया है। 
  • सुबह 10 बजे किसान महापंचायत अनाज मंडी में शुरू होनी थी। 
  • किसान महापंचायत में फैसले के बाद लघु सचिवालय का घेराव करने जा सकते हैं।
  • अनाजमंडी के रास्‍ते को सील किया जा रहा है। बैरिकेड्स, तारों को लगाया जा रहा है। 
  • आंसू गैस, दमकल की गाडि़यां भी पहुंच गई हैं। 

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