Vipassana Meditation: मन और तन को शुद्ध करने का बेहतरीन तरीका है विपश्यना, जानिए इसके फायदे
बदलते लाइफस्टाइल और बिगड़ते खान-पान ने हमारी बॉडी को कम उम्र में ही कई बीमारियों का शिकार बना दिया है। किसी को आर्थिक तंगी परेशान करती है, तो कोई अपनी बीमारी को लेकर तनाव में है। यह तनाव दिल और दिमाग दोनों पर हावी हो जाता है। इस तनाव से निजात पाने के लिए विपश्यना प्राचीन और अद्भुत ध्यान प्रयोग है। विपश्यना की अहमियत को समझते हुए बड़े-बड़े नेता और धनी लोग भी अपनी मसरूफियत से कुछ वक्त निकाल कर विपश्यना मेडिटेशन सेंटर में जाकर ध्यान करते हैं।
आप जानते हैं कि विपश्यना क्या है?
विपश्यना का अर्थ है, जो चीज जैसी है उसे उसके सही रूप में देखना। विपश्यना एक मानसिक व्यायाम है जो मन और तन दोनों के लिए उपयोगी है। विपस्सना ध्यान खुद को जानने में आपकी मदद करता है। यह भारत की सबसे प्राचीन मेडिटेशन तकनीक है, जिसे लगभग 2600 साल पहले महात्मा बुद्ध ने फिर से खोजा था। महात्मा बुद्ध से पहले भी भारत में ऋृषी-मुनी इसका अभ्यास करते थे। आज दुनिया भर में लगभग 170 विपश्यना मेडिटेशन सेंटर हैं जहां 10, 20, 30, 45 और 60 दिनों तक मेडिटेशन के कोर्स कराए जाते हैं। आइए जानते हैं इससे सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
विपश्यना के फायदे
चेहरे की रंगत में निखार आता है:
विपश्यना का लंबे समय तक अभ्यास करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और चेहरे पर चमक आने लगती है। रक्त संचार बढ़ने और तनावमुक्त रहने से चेहरे की रंगत में निखार आता है।
आत्मविश्वास बढ़ाता है:
विपश्यना का अभ्यास मन को शांत रखता है, तनाव को कम करता है और इनसान खुश रखता है। इससे धैर्य और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। उतावलापन कम होता है।
एकाग्रता बढ़ाने के लिए बेहद उपयोगी है:
बच्चे और युवाओं में एकाग्रता बढ़ाने के लिए विपश्यना बेहद उपयोगी है। चंचल मन के बच्चे जो पढ़ने से दिल चुराते हैं। ऐसे बच्चों को अपने मन को एकाग्र करने के लिए विपश्यना का अभ्यास करना चाहिए। विपश्यना आठ से बारह साल के बच्चे कर सकते हैं। इन बच्चों के लिए यह कोर्स एक से दो या तीन दिन का होता है।
कई विकारों से मुक्ति दिलाता है:
जीवन में तनाव और मानसिक परेशानियों से मुक्ति दिलाने में विपश्यना बेहतरीन उपचार है। विपश्यना से इनसान राग, भय, मोह, लालच, द्वेष समेत कई विकारों से मुक्ति पा सकता है।