हैप्‍पी बर्थडे बराक ओबामा, वेलकम इन 60 प्‍लस यंग क्‍लब, आनंद महिंद्रा ने कुछ यूंं दी उन्‍हें जन्‍मदिन की बधाई

आनंद महिंद्रा अक्‍सर ही कुछ अलग करने के लिए जाने जाते हैं। इस बार उनका यही अंदाज-ए-बयां अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के लिए बदला है। दरअसल, 4 अगस्‍त को बराक ओबामा का जन्‍मदिन था। इस खास मौके पर उन्‍हें दुनियाभर के लोगों ने बधाई संदेश भेजे थे। इन संदेशों में एक बेहद खास संदेश आनंद महिंद्रा का भी था। ये संदेश एक दोस्‍त को उसके जन्‍मदिन की मुबारकबाद का था। इस खास मौके को और खास बनाने के लिए आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर अपने प्‍यारे से संदेश के साथ बराक के साथ अपनी एक पुरानी फोटो को ट्वीट किया था।

ओबामा को अपने बधाई संदेश में उन्‍होंने लिखा कि जन्‍मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बराक ओबामा। अपने संदेश में उन्‍होंने आगे लिखा है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति के पद से हटने के बाद भी बेहद कम ही हैं जो विश्‍व स्‍तर पर ऐसा कर पाते हैं जैसा ओबामा ने किया है। बेहद कम लोगों को ही ये हासिल हो पाता है। आनंद महिंद्रा ने आगे लिखा है कि वो इस फोटो के साथ अपने कोष को और आगे बढ़ा रहे हैं। अपने मैसेज की आखिरी में उन्‍होंने जो लिखा है वो कहीं ने कहीं इन दोनों की आपस में मजबूत केमेस्‍ट्री को भी दिखाता है। उन्‍होंने लिखा है कि जन्‍मदिन मुबारक और 60 प्‍लस यंग के हर्ट क्‍लब में आपका स्‍वागत है। उनके जन्‍मदिन पर मिशेल ओबामा ने भी एक ट्वीट कर उन्‍हें एक प्‍यारा पिता एक अच्‍छा इंसान और लविंग हसबैंड बताया है।

आपको बता दें कि बराक ओबामा वर्ष 2009 में पहली बार देश के राष्‍ट्रपति चुने गए थे। इसके बाद वो दोबारा भी इस पद के लिए चुने गए और 2017 तक वो इस पद पर रहे थे। उन्‍होंने देश के 44वें राष्‍ट्रपति के तौर पर अपनी सेवाएं दी थी। अमेरिका के इतिहास में ओबामा देश के पहले अमेरिकन-अफ्रीकी थे जो इस सर्वोच्‍च पद पर पहुंचे थे। वर्ष 2005-2008 तक वे इलिनोयस के सीनेटर रहे थे और 1997 से वर्ष 2004 तक वो यहां से ही स्‍टेट सीनेटर रह चुके हैं। उनके ही कार्यकाल में अमेरिकी मरीन कमांडोज ने पाकिस्‍तान के एबटाबाद में कुख्‍यात आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को खत्‍म किया था।

अपने दो कार्यकाल के दौरान उन्‍होंने देश में न सिर्फ गन कंट्रोल पर लगाम लगाने के लिए कदम बढ़ाए थे बल्कि ईरान से चल रहे वर्षों पुराने तनाव को खत्‍म करने के लिए परमाणु डील पर भी मुहर लगाई थी। इसके अलावा पेरिस एग्रीमेंट के जरिए उन्‍होंने धरती का तापमान कम करने में अपना योगदान किदया था। एलजीबीटी समुदाय के हितों के लिए भी उन्‍होंने काफी प्रयास किए थे।

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