कानपुर : तीन दिन से ब्लैक फंगस का इंजेक्शन नहीं, जबकि हैलट में 45 मरीज भर्ती
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में तीन दिन से एंटी माइक्रोबायल इंजेक्शन लाइपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी नहीं हैं। इससे अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस के पीडि़त मरीजों पर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। संक्रमितों के साइनस, आंख के पिछले हिस्से, ब्रेन से स्क्रबिंग और सर्जरी कर संक्रमित हिस्सा निकालने के बाद एंटी माइक्रोबायल इंजेक्शन लगाए जाते हैं ताकि दोबारा ब्लैक फंगस का संक्रमण न होने पाए। तीन दिन से इंजेक्शन न लगने से स्थिति बिगडऩे लगी है।
कोरोना से उबरने के बाद लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आकर एलएलआर अस्पताल आने लगे थे। वार्ड तीन को ब्लैक फंगस का वार्ड बनाया गया था, जहां इस समय 45 संक्रमित भर्ती हैं। इनमें से 40 मरीजों के नाक एवं साइनस की सर्जरी कर संक्रमित हिस्सा निकाला जा चुका है। इसी तरह आंख के पिछले हिस्से में संक्रमण को हटाने के साथ इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं, ताकि आंख को बचाया जा सके। ऐसे में तीन दिन से इंजेक्शन न होने से इलाज प्रभावित हो रहा है।
रोजाना दो-तीन इंजेक्शन की जरूरत : ब्लैक फंगस पीडि़तों की सर्जरी के बाद रोजाना दो-तीन इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है। उन्हेंं इंजेक्शन स्लाइन में डाल कर चढ़ाया जाता है।
इनका ये है कहना
- उप्र मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने इंजेक्शन जल्द मुहैया कराने का भरोसा दिया है। फिलहाल आगरा मेडिकल कालेज से इंजेक्शन मंगाने के लिए मांग पत्र तैयार कर भेज रहे हैं। आगरा में पर्याप्त इंजेक्शन हैं, उसमें से 200 वायल यहां मंगाएंगे।