जानिए कैसे भारत में बिना ट्रायल के मिली मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी, क्या रही इसकी वजह ?

कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण में भारत में अब एक और वैक्सीन शामिल हो गई है। अमेरिकी की मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी के बाद मॉडर्ना वैक्सीन भारत में उपलब्ध होने वाला कोरोना का चौथा टीका होगा। सिपला को मॉडर्ना वैक्सीन के आयात के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने मंजूरी दे दी है। लेकिन इस बीच एक सवाल को सबके जेहन में उठ रहा है कि आखिर देश में मॉडर्ना की वैक्सीन को बिना ट्रायल के ही इस्तेमाल की मंजूरी कैसे मिल गई। आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों हुआ ?

क्यों नहीं हुआ भारत में ट्रायल ?.

दरअसल, अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन की सूची में शामिल है।डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन की सूची में शामिल होने की वजह से मॉडर्ना वैक्सीन का भारत में ब्रिजिंग ट्रायल नहीं होगा।

कितने तापमान पर रखा जाता है ?

यह वैक्सीन सात महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है।इसे -25 से -50 डिग्री तापमान के बीच में सुरक्षित रखा जाता है। सामान्य तौर पर बात करें तो मॉडर्ना वैक्सीन को -20 डिग्री के आसपास तापमान की जरूरत होगी। अगर शीशी खुली नहीं है तो 30 दिन तक दो से आठ डिग्री तापमान में रख सकते हैं। इसकी दो खुराक चार सप्ताह के बीच में लेना जरूरी है।

अगले महीने भारत आएगी पहली खेप

मॉडर्ना वैक्सीन की पहली खेप अगले महीने भारत आएगी। इसके बाद कसौली स्थित केंद्रीय प्रयोगशाला में पहले बैच की जांच होगी। फिर 100 लोगों का टीकाकरण होने के बाद उनका अध्ययन होगा जिसके बाद यह अस्पतालों में उपलब्ध होगी। इसमें एक महीने का समय लग सकता है।

भारत में कब, किस वैक्सीन को मिली मंजूरी

पहली- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड को जनवरी 2021 में आपात मंजूरी मिली

दूसरी- भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी जनवरी 2021 में इमरजेंसी मंजूरी मिली

तीसरी- स्पूतनिक को अप्रैल 2021 में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली

चौथी- मॉडर्ना की वैक्सीन को जून 2021 में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली

Leave a Reply

Your email address will not be published.