National Doctor’s Day 2021: नेशनल डॉक्टर्स डे की शुरुआत कैसे हुई, जानें इस दिन का महत्व!
National Doctor’s Day 2021: हर साल एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस यानी नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद बेहतर स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना और डॉक्टरों को उनकी समर्पित सेवा के लिए शुक्रिया अदा करना है। इस साल यानि 2021 नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम कोरोना वायरस से जोड़ कर ही रखी गई है- ‘बिल्डिंग ए फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड।’
पहली बार कब मनाया गया था डॉक्टर्स डे?
पहला नेशनल डॉक्टर्स डे जुलाई 1991 में मनाया गया था। यह दिन डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर देता है, जो चौबीसों घंटे अपनी सेवा प्रदान करते हैं। नेशनल डॉक्टर्स डे का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज इस महामारी में अपनी जान की परवाह किए बगैर डॉक्टर्स लोगों को नया जीवन देने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के रीजनल डायरेक्टर डॉ. समीर कुलकर्णी का कहना है कि हम सभी इस समय एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। यह शायद हमारे जीवन का सबसे कठिन समय है। डॉक्टरों के लिए यह सुनिश्चित करना और भी मुश्किल हो गया है कि जो लोग संक्रमित हैं, उन्हें उचित चिकित्सा सुविधाएं मिलती रहें। डॉक्टर्स और हेल्थकेयर स्टाफ जिस तरह से समाज के प्रति अपना योगदान देते रहे हैं और कड़ी मेहनत करते हैं इसके लिए उनका सम्मान हर दिन होना चाहिए न कि सिर्फ किसी विशेष दिन ही उनके द्वारा किए गए कार्यों को सम्मान देना चाहिए। हेल्थकेयर सेक्टर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ का योगदान अतुलनीय है।
डॉक्टर्स डे का महत्व
डॉक्टर बिधानचंद्र राय का जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों ही 1 जुलाई को होती है। इसलिए भारत में, यह दिन डॉ. बिधान चंद्र रॉय की पुण्यतिथि और जन्मदिन दोनों के रूप में भी मनाया जाता है, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध चिकित्सकों में से एक रहे हैं। इस दिन डॉक्टर्स के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। साथ ही हमारे जीवन में डॉक्टर्स का क्या योगदान है इस बात को सराहा जाता है।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, पालम विहार, के जनरल मैनेजर, श्री मनीष गुप्ता ने कहा, “मैं ‘डॉक्टर्स डे’ के उपलक्ष्य पर उम्मीद करूंगा कि डॉक्टर्स भविष्य में समाज की सेवा करते हुए सुरक्षित और स्वस्थ रहें। हमे और भी ज्यादा मुश्किल और चुनौतीपूर्ण समय के लिए तैयार रहना होगा। कोविड-19 महामारी हर किसी के लिए मुश्किलों से भरी रही है। यहां तक कि डॉक्टर भी लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोख़िम में डाल रहे हैं। जहां एक तरफ लोग अपने आप को आइसोलेट कर रहे हैं, वहीं हम डॉक्टर लोग संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए लगातार महामारी से लड़ रहे हैं। मात्र महामारी के दौरान ही नहीं डॉक्टर हर आपदा में एक सुपरहीरो की तरह सामने आए हैं और समाज की बेहतरी के लिए अपने काम को पूरी लगन और निष्ठा से अंजाम दिया है।”