स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नहीं हैं कोई खतरा, लगवा सकती हैं ये चारो वैक्सीन, जल्द ही जारी होगी गाइडलाइन
नीति आयोग के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित मॉडर्ना वैक्सीन को भी भारत में अनुमति दे दी गई है। इस वैक्सीन के दो डोज लगाए जाएंगे। देश में अब चार कोरोना रोधी वैक्सीन उपलब्ध हो गई हैं। जो कि कोवैक्सिन, कोविशील्ड, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना हैं। फाइजर के साथ भी अब जल्द ही करार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही डॉ पॉल ने कहा कि कोरोना रोधी ये ये चारों वैक्सीन (कोवैक्सिन, कोविशील्ड, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना ) स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं। इनके लगाने सें स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि इन वैक्सीन का बांझपन से कोई संबंध नहीं है। टकाकरण के संबंध में गर्भवती महिलाओं के लिए एडवाइजरी शीघ्र जारी की जाएगी। गर्भवती महिलाओं के लिए टीका सुरक्षित है, और स्वास्थ्य मंत्रालय इसकी आगे जांच कर रहा है।
देश में 111 जिले ऐसे जहां प्रतिदिन 100 से ज्यादा आ रहे हैं मामले
देश में कोरोनाा के मामलों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि चरम में पहुंचने के बाद अब इस महामारी में गिरावट आई है। देश के अधिकतर जिलों में कोरोना के मामलों में कमी देखी गई है। देश में कोरोना की रिकवरी दर 96.9 फीसद है। वहीं, जिन जिलों में प्रतिदन 100 से ज्यादा नए मामले आ रहे थे, जहां 4 मई के दौरान ऐसे जिले 531 थे। वो संख्या 2 जून को घटकर 262 जिले रह गए और अब देश में केवल 111 जिले ही ऐसे हैं जहां प्रतिदिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। देश में डेल्टा प्लस मामलों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक कुल 51 मामले सामने आए हैं।
टीकाकरण में भारत ने कई बड़े देशों को छोड़ा पीछे
भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि देश में कुल 27.27 करोड़ लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक लगाई है और 5.84 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।कोरोना के टीकाकरण कार्यक्रम में भारत कई बड़े देशों को पीछे छोड़ रहा है। वैश्विक आंकड़ों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दुनिया में कोरोना के टीका लगाए जाने में भारत बढ़त बनाए हुए है। अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत 32 करोड़ के बेंचमार्क तक पहुंचने में 163 दिन लगे। वहीं, अमेरिका को 193 दिन लगे थे।