कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर के जितनी नहीं होगी गंभीर, आइसीएमआर ने किया दावा

देश में कोरोना की तीसरी लरह को लेकर लोगों में भय का माहोल है। इसी बीच आइसीएमआर ने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर के जितनी गंभीर नहीं होगी। आइसीएमआर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा कि देश में चलाए जा रहा टीकाकरण अभियान इस लहर को कम करने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रभाव पर अध्ययन चल रहा है।

भारत में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर एक गणितीय मॉडलिंग आधारित विश्लेषण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के डॉक्टर संदीप मंडल, पूर्व डॉयरेक्टर जनरल बलराम भार्गव, आइसीएमआर में चीफ एपिडेमोलॉजिस्ट डॉक्टर समीरन पांडा और यूके से निमालन अरिनमिनपथी द्वारा किया गया है।

इस अध्ययन में कहा गया कि संक्रमण आधारित प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी कैपेसिटी समय के साथ कम हो सकती है। ऐसे में संभावनाएं हैं कि पहले से संक्रमण की चपेट में आ चुके लोग दोबारा संक्रमित हो सकते हैं।

वहीं, आइसीएमआर की हाल की में किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि भारत में आई दूसरी लहर में गर्भवती महिलाएं अधिक गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। इस साल मृत्यू दर और संक्रमित मामलों के आंकड़ों में काफी बढ़ेतरी हुई है।

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