राष्ट्रीय कार्य बल ने तीसरी लहर को लेकर किया आगाह, कहा- ऑक्सीजन के लिए 2-3 हफ्तों का हो अतिरिक्त भंडार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से गठित शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों के राष्ट्रीय कार्य बल (National Task Force, NTF) ने सुझाव दिया है कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों के लिए की जाने वाली व्यवस्था की तर्ज पर दो-तीन हफ्तों की खपत के लिए ऑक्सीजन गैस का अतिरिक्त भंडार रखना चाहिए। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मरीजों की जान बचाने और महामारी से निपटने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऑक्सीजन के आवंटन की प्रणाली बनाने के लिए छह मई को इस कार्य बल (National Task Force, NTF) का गठन किया था।

12 सदस्यीय शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों के इस राष्ट्रीय कार्य बल ने यह भी कहा कि सभी अस्पतालों में आपात स्थितियों से निपटने के लिए अतिरिक्त भंडार होना चाहिए। यही नहीं इनको वरिष्ठ कर्मचारियों की ऑक्सीजन निगरानी समितियां भी बनानी चाहिए। कार्य बल (National Task Force, NTF) ने कहा है कि‍ हमें दो-तीन हफ्तों की खपत पूरी करने के लिए देश में ऑक्सीजन का अतिरिक्त भंडारण करना चाहिए। यही नहीं सभी अस्पतालों के पास आपात स्थितियों से निपटने के लिए भी ऑक्‍सीजन का अतिरिक्त भंडारण होना चाहिए।

एनटीएफ ने कहा है कि महामारी की अगली लहर से लड़ने की तैयारी में लिक्विड मेडिकल ऑक्‍सीजन का उत्पादन और बढ़ाने की कोशिशें की जानी चाहिए। मौजूदा वक्‍त में तत्‍काल मेडिकल ऑक्‍सीजन का उत्पादन पांच फीसद से बढ़ाकर आठ फीसद करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन करने वाले उद्योगों की मदद करनी चाहिए। यही नहीं कोरोना के बढ़ते मामलों वाले राज्यों को मांग से अधिक आवंटन करने के लिए अपने यहां करीब 20 फीसद की भंडारण क्षमता बढ़ानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी 163 पृष्ठों की रिपोर्ट में एनटीएफ ने यह भी कहा है कि बड़े शहरों में ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए व्‍यवस्‍था बनानी चाहिए ताकि उनकी मेडिकल ऑक्‍सीजन की 50 फीसद मांग को तुरंत पूरा किया जा सके। दिल्ली और मुंबई में प्राथमिकता के आधार पर यह काम किया जा सकता है। सभी 18 मेट्रो शहरों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए। एनटीएफ ने यह भी सुझाव दिया है कि आपात स्थितियों में राज्यों को औद्योगिक ऑक्सीजन के उत्पादन वाली इकाइयों के पास अस्थायी अस्तपाल बनाने की संभावना तलाशना चाहिए।

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