आइवरी कोस्ट के पूर्व प्रधानमंत्री सोरो को उम्रकैद की सजा, तख्तापलट की साजिश में दोषी करार

आइवरी कोस्ट में पूर्व प्रधान मंत्री गिलौम सोरो को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उनपर पूर्व राष्ट्रपति अलासेन औतारा के खिलाफ तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप थे। हालांकि, अदालत की कार्यवाही के दौरान सोरो ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि, उनपर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

सोरो पर सार्वजनिक धन की चोरी करने का भी आरोप लगाया गया था, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराते हुए, पिछले साल 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। साथ ही तख्तापलट की साजिश में भाग लेने के लिए सोरो के कई करीबी सहयोगियों को भी 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इसके बाद उनकी राजनीतिक पार्टी को भी भंग कर दिया गया। साथ ही सोरो और उनके सहयोगियों द्वारा अर्जित की गई संपत्ति और किसी भी हथियार को जब्त करने का आदेश दिए गए हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सोरो ने 2010-2011 के गृहयुद्ध और उसके बाद के सैकड़ों टन हथियारों का इस्तेमाल किया। लेकिन सोरो ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को जड़ से खारिज किया है।

कोर्ट के फैसले के बाद सोरो ने अपने एक बयान में कहा कि, इस मुकदमे ने एक बार फिर आइवोरियन न्यायपालिका के भ्रष्टाचार और कार्यपालिका के निर्देशों को लेकर कोर्ट के झुकाव को प्रदर्शित किया है।” इस मामले ने एक दशक पहले गृहयुद्ध से उबरने वाले देश में तनाव बढ़ा दिया है। इस दौरान सोरो ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया, जिन्होंने विवादित चुनाव के बाद ओआटारा को सत्ता से हटा दिया।

सोरो ने ओआटारा के राष्ट्रपति रहते हुए प्रधान मंत्री और संसद के अध्यक्ष के रूप में काम किया। लेकिन बाद में दोनों के बीच तनाव हो गया, क्योंकि राष्ट्रपति ने ये स्पष्ट कर दिया था कि वो सोरो की राष्ट्रपति बनने की महत्वाकांक्षाओं का विरोध करेंगे। विपक्ष के वकील ने दिसंबर 2019 में सोरो के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उस वक्त सोरो यूरोप से स्वदेश वापस आकर अपना राष्ट्रपति अभियान शुरू करने के लिए तैयारी बना रहा था।

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