राशन दुकानों पर ePOS को इलेक्ट्रॉनिक तराजू से लिंक करने के लिए नियमों में संशोधन, लोगों को इस तरह मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ePOS) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू के साथ जोड़े जाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नियमों में संशोधन किया है। नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत बेनिफिशियरीज को सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से नियमों में संशोधन किए हैं। सरकार ने लाभार्थियों (बेनिफिशियरी) के लिए खाद्यान्न तौलते समय राशन की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने और नुकसान को रोकने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। NFSA के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल (खाद्यान्न) रियायती दर पर प्रदान कर रही है। सरकार की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।

खाद्यान्नों का वितरण सही मात्रा में सुनिश्चित करने के लिए अधिसूचना

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने NFSA 2013 के तहत लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार सब्सिडी वाले खाद्यान्नों का वितरण सही मात्रा में सुनिश्चित करने के लिए 18 जून 2021 को एक अधिसूचना जारी की।’

सरकार ने कहा कि ePOS उपकरणों को उचित तरीके से संचालित करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त मुनाफे से बचत को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकार की सहायता नियमावली) 2015 के उप-नियम (2) के नियम 7 में संशोधन किया है। सरकार ने कहा कि यह संशोधन एनएफएसए के तहत लक्षित पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम के संचालन की पारदर्शिता में सुधार के माध्यम से अधिनियम की धारा 12 के तहत परिकल्पित सुधार प्रक्रिया को और आगे बढ़ाने का एक प्रयास के तौर पर किया गया है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Koo’ पर जानकारी देते हुए लिखा कि “गरीबों तक राशन की सही मात्रा पहुंचे, व वितरण में पारदर्शिता आये, इसके लिये इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनों व ePoS मशीनों के लिंकेज को प्रोत्साहन दिया जायेगा। इस निर्णय से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण का पूरा लाभ सुनिश्चित होगा, व भ्रष्टाचार भी समाप्त होगा।”

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल Koo पर काफी सक्रिय हैं और सरकार के विभिन्न कदमों की जानकारी इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आम लोगों को दे रहे हैं। चार महीने में ही Koo पर उनके फॉलोअर्स की तादाद 10 लाख के आंकड़े के पार कर गई है।

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