संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में सैन्य शासन को दिया करारा झटका, नेताओं की रिहाई और लोकतंत्र बहाल करने को कहा

न्यूयार्क, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने म्यांमार के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित करते हुए सैन्य शासन जुंटा को करारा झटका दिया है। प्रस्ताव में सैन्य शासक को फटकार लगाते हुए कहा है कि वे पांच माह से किए गए अधिग्रहण को तुरंत समाप्त करे और जेल में बंद सभी नेताओं को छोड़े। संयुक्त राष्ट्र ने जुंटा को विरोधियों की हत्या बंद करने के लिए भी कहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में म्यांमार पर लाए गए प्रस्ताव के समर्थन में 191 सदस्य देशों ने मतदान किया। एक देश बेलारूस ने विरोध में मतदान किया। 36 सदस्य देश मतदान से अलग रहे। महासभा ने सैन्य तख्ता पलट की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र को बहाल करने के लिए जरूरी सभी प्रयासों को यहां नजरंदाज किया गया है। सदस्य देशों से कहा गया कि वे म्यांमार में हथियार आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दें।

एक दिन पहले ही पांच वर्ष का अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने प्रस्ताव पारित होने के बाद कहा ‘हम ऐसी दुनिया में नहीं रह सकते, जहां सैन्य तख्ता पलट आदर्श बन जाए।’

म्यांमार पर प्रस्ताव से भारत रहा अलग

संयुक्त राष्ट्र महासभा में म्यांमार पर लाए गए प्रस्ताव पर भारत वोटिंग से अलग रहा। भारत ने प्रस्ताव पर कहा कि यह जल्दबाजी में लाया गया है और उसके विचार इस प्रस्ताव में परिलक्षित नहीं होते हैं। भारत के साथ ही पड़ोसी देश चीन, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाईलैंड, लाओस और रूस भी अनुपस्थित रहे। भारत के संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि प्रस्ताव बिना पड़ोसी देशों से सलाह किए लाया गया है। यह प्रस्ताव आसियान देशों के समाधान खोजने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रतिकूल असर डालेगा।

सू की के जन्म दिन पर फूलों के साथ विरोध

म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद से जेल में बंद नेता आंग सान सू की के 76 वें जन्म दिन पर देश में जगह-जगह शांतिपूर्ण तरीके से फूलों के साथ विरोध किया गया।

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