48 घंटों के अंतराल में दूसरी बार केंद्रीय गृहमंत्री से मिले बंगाल के राज्यपाल, ममता सरकार पर फिर साधा निशाना
कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सूबे में चुनाव बाद हो रही हिंसा को लेकर ममता सरकार पर फिर जोरदार निशाना साधा है। 48 घंटों के अंतराल में शनिवार सुबह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दूसरी बार मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में धनखड़ ने कहा-‘बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से जिस तरह की हिंसा हो रही है, वैसी आजादी के बाद कभी नहीं देखी गई। हमें लोकतंत्र, संविधान और कानून व्यवस्था पर विश्वास करना चाहिए। मैं नौकरशाहों और पुलिस से भी नियमों के दायरे में रहने की अपील करता हूं।’ राज्यपाल ने शनिवार सुबह 11 बजे केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई है। राज्जपाल का शुक्रवार दोपहर दिल्ली से कोलकाता लौटने का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था लेकिन अमित शाह से मुलाकात के कारण इसे एक दिन बढा़ दिया था। राज्यपाल ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी। सूत्रों की मानें तो उन्होंने राष्ट्रपति व केंद्रीय गृहमंत्री को बंगाल में कानून व्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट सौंपी है और हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
धनखड़ ने गुरुवार को ही राजधानी में बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से भी मुलाकात की थी। इससे पहले वे बुधवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा से भी मिले थे। बंगाल के राज्यपाल के दिल्ली आकर 48 घंटों के अंतराल में दो-दो बार केंद्रीय गृहमंत्री से मिलने को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस धनखड़ के दिल्ली दौरे पर सवाल उठा चुकी है। इसपर बंगाल भाजपा ने कहा है कि दिल्ली जाकर राष्ट्रपति व केंद्रीय गृहमंत्री को बंगाल के हालत पर रिपोर्ट देना राज्यपाल की जिम्मेदारी है। ऐसा करके उन्होंने कोई अन्याय नहीं किया है।
दरअसल राज्यपाल तृणमूल के गले की हड्डी बन गए हैं। गौरतलब है कि राज्यपाल के दिल्ली दौरे से 24 घंटे पहले ही बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी भाजपा के 50 विधायकों के प्रतिनिधिदल के साथ राजभवन आकर राज्यपाल से मिले थे और उन्हें बंगाल में चुनाव बाद हो रही हिंसा पर रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद राज्यपाल ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा था कि बंगाल में लोकतंत्र आखिरी सांसें गिन रहा है। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री को कड़ी चिट्ठी भी लिखी थी और चुनाव बाद हिंसा पर उनकी खामोशी पर सवाल उठाया था।