Maharashtra: शिवसेना को रास नहीं आ रही कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने की मंसा, जानें-किसने क्या कहा

महाराष्ट्र में भविष्य के सभी चुनाव अकेले लड़ने की कांग्रेस की मंसा शिवसेना को रास नहीं आ रही है। शिवसेना ने इस संबंध में दिए गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बयान पर तंज कसते हुए आशंका जताई है कि कोई लोकसभा या विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की साजिश तो नहीं रच रहा है। महाराष्ट्र के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कुछ दिन पहले ही बयान दिया था कि प्रदेश में कांग्रेस सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कांग्रेस आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री घोषित करता है तो वह यह जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। नाना के इसी बयान पर तंज कसते हुए शिवसेना के मुखपत्र सामना ने वीरवार को अपने संपादकीय में लिखा कि नाना पटोले एक जुझारू नेता हैं।

उन्होंने आगामी चुनाव अपने दम पर लड़कर महाराष्ट्र में अपनी सत्ता लाने व कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा उन्होंने आत्मविश्वास के साथ की है। मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर भी उनके मन में कोई भ्रम नजर नहीं आता। पार्टी ने अनुमति दी तो मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने के लिए मैं तैयार हूं, यह बात भी उन्होंने कही है। इसलिए नाना पटोले वर्ष 2024 में महाराष्ट्र के तख्त पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री को बैठाए बगैर दम नहीं लेंगे, यह अब तय हो गया है। इसी के साथ संपादकीय में भाजपा का उदाहरण देते हुए यह भी लिखा गया कि राजनीति में इच्छा, महत्वाकांक्षा होने में हर्ज नहीं है। परंतु अंतत: बहुमत का आंकड़ा नहीं होगा तो बोलने और डोलने से क्या होगा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस चुनाव से पहले कहा करते थे कि ‘मैं फिर आऊंगा’। लेकिन वे नहीं आए। भारतीय जनता पार्टी का 105 विधायकों का बल व्यर्थ साबित हुआ और तीन दलों ने एक साथ आकर बहुमत जुटा लिया। इसलिए कोई अभी से 2024 पर दावा न करे। नाना पटोले की पार्टी महाराष्ट्र की सत्ता में है। महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस एक महत्वपूर्ण घटक है। परंतु महाविकास अघड़ी में उनकी पार्टी तीसरे स्थान पर ही है।

सामना के मुताबिक, नाना पटोले के बयान के बाद भाजपा नेता रावसाहब दानवे ने भी 2024 में भाजपा के अपने दम पर लड़ने की बात कही है। क्योंकि अब शिवसेना-भाजपा का गठबंधन संभव नहीं है। इस प्रकार जब कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दल जब लोकसभा व विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की बात अचानक करने लगे हैं, तो लगता है कि कहीं कोई ये चुनाव समय से पहले करवाने की साजिश तो नहीं रच रहा है। सामना के अनुसार यदि भाजपा व शिवसेना जैसी पार्टियां अपने दम पर लड़ने की बात कह रही हैं, तो महाराष्ट्र में बचीं सिर्फ शिवसेना व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी। इन दोनों दलों को महाराष्ट्र के हित का विचार करते हुए एक साथ लड़ना होगा। यह घोषणा शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे व राकांपा अध्यक्ष शरद पवार कर चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.