RT-PCR की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले हुए गिरफ्तार, 72 हजार का सामान बरामद
नवी मुंबई : मनपा के द्वारा ठाणे-बेलापुर एमआईडीसी में स्थित एक कंपनी के 133 कर्मचारियों को फर्जी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट देने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में रबाले एमआईडीसी पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने कंप्यूटर और लैब की सामग्री समेत कुल 72 हजार रुपए का माल बरामद किया है। ठगी करने वाले उक्त दोनों आरोपियों को कोर्ट ने पुलिस की हिरासत में रखने का आदेश दिया है। रबाले एमआईडीसी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नितीन गीते से मिली जानकारी के अनुसार, उक्त मामले में ठाणे के शास्त्री नगर में रहने वाले देवीदास महादू घुले (44) और कल्याण के तिसवली में रहने वाले महमद वसीम असलम शेख (21) को गिरफ्तार किया गया है। उक्त दोनों ने ठाणे-बेलापुर एमआईडीसी में स्थित प्रविण इंड़स्ट्री नामक कंपनी के 133 कर्मचारियों की फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट देकर कंपनी के साथ 86 हजार 450 रुपए की ठगी की।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गीते के मुताबिक प्रविण इंडस्ट्री ने ठाणे की मिडटाउन डायग्नोस्टीक लैबरेटरी के मालिक देवीदास घुले को अपनी कंपनी के 133 कर्मचारियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।जिसके लिए घुले ने कल्याण के परफेक्ट हेल्थ पॉथोलॉजी के मालिक महमद वासीम असलम शेख से संपर्क किया था। शेख के पास तुर्भे एमआईडीसी स्थित थायरोकेअर लैब के लिए कोरोना का टेस्ट करने के लिए स्वैब एकत्र करने का अधिकार दिया था। जहां से कोरोना की रिपोर्ट मिलती है।
घुले पर विश्वास कर के प्रविण इंडस्ट्री ने अपने 133 कर्मचारियों का टेस्ट कराने के लिए कंपनी में स्वैब लेने के लिए कंपनी में कैंप का आयोजन किया था। जहां से स्वैब लेने के बाद घुले ने शेख के साथ मिलकर थायरोकेअर लैब के लेटर हेड पर बगैर बारकोड़ के सभी कर्मचारियों का कोरोना निगेटीव होने की रिपोर्ट कंपनी को दी थी। जिसकी जानकारी मिलने के बाद थायरोकेअर लैब के कानूनी सलाहकार बिरूदेव सरवदे ने शेख के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर शेख व घुले को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने इस तरह की रिपोर्ट और कितने लोगों को दी है। इसके बारे में पूछताछ जारी है।