मुंबई : जीपीएस बेस्ड होंगे ऑटो और टैक्सी के मीटर
मुंबई : ऑटो और टैक्सी में किराया वृद्धि के बाद मीटर अपडेट कराने की एक नई समस्या पैदा हुई है। मुंबई में चार लाख से ज्यादा ऑटो और चालीस हजार के करीब टैक्सियां हैं। हर एक वाहन के मीटर को अपडेट करने के लिए ₹700 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जबकि अलग-अलग कंपनियों के मीटर की अलग-अलग समस्या होती है। इसका समाधान निकालने के लिए अब परिवहन विभाग जीपीएस पर आधारित मीटर पर विचार कर रहा है। ऐसे मीटर ओला या ऊबर में देखने को मिलते हैं। ये आमतौर पर सटीक होते हैं और इनमें एक क्लिक से प्रशासन द्वारा अपडेट किया जा सकता है।
जीपीएस आधारित मीटर बनाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा जल्द ही निर्माताओं से बैठक की जाएगी। परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकने ने बताया कि जीपीएस आधारित मीटर एक बार शुरू करने के बाद अपडेट के लिए परेशानी नहीं होगी। ये मीटर सस्ते भी होते हैं केवल सिम कार्ड की जरूरत होती है। ढाकने के अनुसार यात्रियों के लिए एक ऐप भी विकसित करने की योजना है, जो मीटर की रीडिंग से मैच करेगी। यात्री को किराया का अंदाज चल जाएगा।
अब किराया वृद्धि होने पर टैक्सी और ऑटो के मीटर को अपडेट किया जा रहा है। आरटीओ के अनुसार अब तक करीब 22 हजार ऑटो को अपडेट किया जा चुका है, जबकि सोमवार से टैक्सी के मीटर अपडेट करने की शुरुआत हुई है। जिन ऑटो या टैक्सी के पंजीकरण का अंतिम नंबर ‘जीरो’ (0) है, उन्हें अपडेट के लिए 1 मार्च से 7 मार्च तक का समय दिया गया है। इसी तरह आखिरी नंबर 9 पहुंचने तक हर सप्ताह चरणबद्ध तरीके से अपडेट किया जाएगा। मुंबई 4.6 लाख ऑटो और 60 हजार टैक्सियों के मीटर को अपडेट किया जाएगा।
ऑटो टैक्सी को मीटर अपडेट के लिए 31 मई तक का समय दिया है। इस दौरान मीटर की रीडिंग देखकर नए टैरिफ कार्ड के अनुसार किराया लिया जा सकता है। 1 जून से किराया केवल मीटर की रीडिंग के आधार पर ही किया जा सकेगा। टैक्सी का न्यूनतम किराया दिन में 25 रुपये और 28 रुपये मिड नाइट के लिए होगा। कूल केब के लिए न्यूनतम किराया 33 रुपये और मिडनाइट किराया 42 रुपये देना होगा।