मुंबई : स्कॉर्पियो से पहले इनोवा की जांच होती देख मुंबई क्राइम ब्रांच में टेंशन क्यों?
मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी मिली लावारिस स्कॉर्पियो के कांड ने मुंबई पुलिस की जहां नींद उड़ा रखी है, वहीं दूसरी ओर इस मामले पर राजनीतिक गलियारों में भी खूब धमा-चौकड़ी मची है. जिस नेता के मन में जब जो जैसा सवाल-जबाब आ रहा है वो उसका इस्तेमाल करके बड़ी-बड़ी बातें करने में नहीं चूक रहा है. भले ही सीधे तौर पर उसका (नेताओं का) इस कांड से दूर दूर तक कोई लेना-देना न हो. इस सब तमाशे के बीच सबसे ज्यादा अगर कोई खुद को बुरी तरह से फंसा हुआ महसूस कर रहा है तो वो है मुंबई पुलिस. जिसके चर्चित अफसर सचिन वाजे (वाझे) NIA को शनिवार-रविवार की रात में गिरफ्तार कर लिया गया है. मुंबई क्राइम ब्रांच के कई आला अफसर और उनके मातहत मुंबई के एनआईए दफ्तर में पूछताछ के लिए लाइन में लगाकर खड़े करवा लिए गए हैं. ऐसे में लाइन में लगे अफसरों के साथ क्राइम ब्रांच के दफ्तर में बैठे अफसरों के जेहन में सवाल कौंधना लाजिमी है कि न मालूम सचिन वाजे के बाद अगला नंबर किसका लगा दे NIA.
सचिन वाजे की गिरफ्तारी हुई सो हुई, इससे बाकी मुंबई पुलिस को भला ज्यादा क्यों और क्या फर्क पड़ने वाला है? सचिन वाजे गिरफ्तार हुए हैं तो वे जाने-निपटेंगे. मुंबई पुलिस के तमाम आला-अफसरों को चिंता इस बात की सता रही है कि न मालूम सचिन वाजे, अगला-पिछला हिसाब बराबर करने के लिए और किस-किस अफसर या मातहत का नाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सामने उगल बैठें? क्योंकि सचिन वाजे तो गिरफ्तार हो ही चुके हैं. उनका जो बनना-बिगड़ना था सो बन-बिगड़ लिया. वे अब से पहले भी लंबे समय तक निलंबित रह चुके हैं. हिरासत में हुई हत्या के एक मामले में जेल की हवा भी खा चुके हैं. ऐसे में सचिन वाजे उतने चिंतित गिरफ्तारी के बाद से नहीं है, जितने बेहाल बाहर बचे हुए मुंबई पुलिस के कुछ अफसरान हैं. इस पर मुश्किल यह है कि सचिन वाजे एनआईए के सामने क्या-क्या उगल चुके हैं? वो सब भी बाहर निकल कर नहीं आ रहा है.
बेहाल क्राइम ब्रांच के हाल-फिलहाल एनआईए से दूर अफसरों की इतनी कुव्वत नहीं है जो वे एनआईए में सेंध लगा लें. ताकि पता चल सके कि अब सचिन वाजे और एनआईए किस दिशा में बढ़ रहे हैं? मुंबई पुलिस मुख्यालय सूत्रों की ही माने तो जब से सचिन वाजे गिरफ्तार हुए हैं, तब से अगला दिन रविवार होने के चलते साप्ताहिक अवकाश में चला गया. अब जो कुछ भी चर्चाओं का बाजार गरम होगा वो पीएचक्यू (मुंबई पुलिस मुख्यालय) खुलने के बाद सोमवार को होगा. इसके बाद भी मगर मुंबई पुलिस के जिन कुछ अफसरों की नींद सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद से उड़ी हुई है. उनका संडे यानी वीकली ऑफ घरों में रहकर भी बेकार हो गया. मुंबई पुलिस के एक डीसीपी स्तर के अधिकारी की बात मानें तो “चिंता उन्हीं लोगों को है जो क्राइम ब्रांच में तैनात थे. वे चाहे सचिन वाजे गुट के समर्थक हों या फिर विरोधी. सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद से क्राइम ब्रांच और मुंबई पुलिस में मौजूद उनके दुश्मनों से ज्यादा खलबली उनके दुश्मन (विरोधी) गुट में ज्यादा है. न मालूम कब सचिन वाजे किसके बारे में एनआईए के सामने मुंह खोल बैठें? जो लोग किसी खेमे में नहीं थे, वे चुपचाप अपनी रोजमर्रा की पुलिसिया जिंदगी दफ्तर जाकर गुजार रहे हैं.”
उधर मुंबई पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो जब से सचिन वाजे गिरफ्तार हुए हैं, तब से एनआईए की जांच को रफ्तार मिल गयी है. जो सचिन वाजे गिरफ्तारी से पहले तक खुलकर बोलने में कतरा रहे थे वे अब समझ चुके हैं कि जांच एजेंसी के सामने खुलकर बोलने में ही भलाई है. ऐसे में चाहे वे खुद (सचिन वाजे) फंसें या फिर क्राइम ब्रांच में तैनात उनके बाकी और सहयोगी या फिर अफसर. सचिन वाजे पर कोई फर्क अब नहीं पड़ने वाला है. ऐसे में अब असली मुश्किल क्राइम ब्रांच के अभी तक सुरक्षित बचे अफसर-कर्मचारियों की है, जो अभी तक एनआईए के रडार पर आने से बचे हुए हैं. हालांकि मुंबई क्राइम ब्रांच के भीतर हो रही सुगबुगाहटों को माने तो वहां के अधिकारी और कर्मचारी सब के सब हलकान हुए पड़े हैं. एनआईए के रडार से अब तक बचे क्राइम ब्रांच के अफसरों की परेशानी का सबब है एनआईए के जांच करने का स्टाइल.
मुंबई में मौजूद एनआईए के एक उच्च पदस्थ सूत्र की मानें तो जांच सही दिशा में जा रही है. जांच लावारिस स्कॉर्पियो में विस्फोटक लदा मिलने की भी की जा रही है. उस मामले से मनसुख हिरेन की मौत का क्या कोई लिंक है? इस सवाल का जबाब भी तलाशा जायेगा. उधर क्राइम ब्रांच (मुंबई पुलिस) की जान को एक और सबसे बड़ी जो मुसीबत है वो है एनआईए द्वारा उस इनोवा कार की ओर जांच की दिशा मोड़ देना, जो इनोवा, मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली स्कॉर्पियो के पीछे पीछे चल रही थी. आखिर वो इनोवा कार किसकी थी? उस इनोवा कार का विस्फोटक से लदी खड़ी मिली स्कॉर्पियो कार खड़ी करने वालों के बीच आखिर क्या लिंक था? कहा जाता है कि जिस इनोवा कार को लेकर एनआईए पूछताछ में जुटी है, उसका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से कहीं न कहीं कुछ न कुछ लिंक मुंबई क्राइम ब्रांच से भी मिलना चाहिए? मतलब मुंबई क्राइम ब्रांच ने उस इनोवा के बारे में शुरू में जो जांच की थी, तब उस जांच में इनोवा को लेकर क्या-क्या तथ्य मुंबई क्राइम ब्रांच ने जुटाए थे?