बीएमसी की नाक के नीचे पिछले 11 महीने में मुंबई में 9558 अवैध निर्माण
मुंबई : अभिनेत्री कंगना रनौत के अवैध निर्माण पर जेसीबी चलाने वाली बीएमसी की नाक के नीचे पिछले 11 महीने में मुंबई में 9558 अवैध निर्माण हुए हैं। अवैध निर्माणों के खिलाफ ऐक्शन के नाम पर सिर्फ 466 अवैध निर्माण तोड़े गए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा अवैध निर्माण एल वॉर्ड के तहत कुर्ला, साकीनाका एरिया में हुए हैं, जिनकी संख्या 2002 है।
कोरोना संकटकाल में लॉकडाउन के दौरान जब लोग अपने घरों में कैद थे, तो उसी दौरान बीएमसी की लापरवाही का फायदा उठाते हुए भू-माफियाओं ने मुंबई में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कर डाले। गौर करने लायक यह है कि अवैध निर्माण की लोगों ने लगातार शिकायतें भी कीं, लेकिन बीएमसी ने महज दिखावे की कार्रवाई की। आरटीआई एक्टिविस्ट शकील अहमद शेख को बीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार भू-माफियाओं ने 25 मार्च, 2020 से 25 फरवरी, 2021 के दौरान मुंबई में 9558 अवैध निर्माण किए। शेख का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान अवैध निर्माण करने वाले माफियाओं की लॉटरी लग गई थी। कोरोना महामारी और बीएमसी की लापरवाही का फायदा उठाते हुए मुंबई में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुए हैं।
आरटीआई के जरिए बीएमसी से जानकारी मांगी थी कि मुंबई में अवैध निर्माण से जुड़ी ऑनलाइन कितनी शिकायतें दर्ज की गई हैं और कितने अवैध निर्माणों को नोटिस दिया गया है। इसके जवाब में बीएमसी ने जो जानकारी उपलब्ध कराई, उसके अनुसार 25 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2021 तक ऑनलाइन कुल 13325 शिकायतें मिलीं। इनमें 3767 ऐसे अवैध निर्माण हैं, जिनके लिए शिकायतें दो बार प्राप्त हुई हैं। मुंबई में सबसे अधिक 3251 शिकायतें एल वॉर्ड में दर्ज की गईं।
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने सवाल उठाया है कि बीएमसी ने जिस तेजी से अभिनेत्री कंगना रनौत के अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की, उसी रफ्तार से मुंबई में लाखों अवैध निर्माणों के खिलाफ कब कार्रवाई करेगी? बीएमसी तोड़क कार्रवाई के दौरान हर साल पुलिस बंदोबस्त और अन्य संसाधनों पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन तोड़क कार्रवाई ठीक से नहीं की जाती है।
इसी तरह बीएमसी हर साल 15,000 से अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस जारी करती है, जबकि कुछ अवैध निर्माणों को नोटिस तक नहीं दी जाती है। मुंबई में सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत अवैध निर्माणों के ही खिलाफ कार्रवाई की जाती है। मुंबई में हो रहे अवैध निर्माण में भूमाफियाओं का हाथ होता है, लेकिन उन्हें बीएमसी के अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त होता है