महाराष्ट्र दिवस पर अगले साल खुलेगा समृद्धि महामार्ग
मुंबई, देश के सबसे अत्याधुनिक हाइवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू करने की तारीख महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने घोषित कर दी है। राज्य के दो प्रमुख शहरों की दूरी कम करने वाले 701 किमी लंबे समृद्धि महामार्ग पर 1 मई 2021 से वाहनों का दौड़ना आरंभ हो जाएगा। नागपुर से मुंबई के बीच बने इस महामार्ग को तीन चरणों में खोला जाएगा। 1 मई 2022 को पूरे 701 किमी लंबे हाइवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
पहले चरण के तहत 1 मई, 2021 से 520 किमी लंबे हाइवे को खोला जाएगा। 520 किमी का यह मार्ग नागपुर से शिर्डी तक का होगा। दूसरे चरण में 623 किमी हाइवे को खुला जाएगा। 1 दिसंबर 2021 से नागपुर से इगतपुरी तक हाइवे खुल जाएगा। एमएसआरडीसी के व्यवस्थापकीय संचालक राधेश्याम मोपलवार के अनुसार, हाइवे निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।
152 किलोमीटर सड़क तैयार
701 किमी लंबे हाइवे पर अब तक 152.17 किलोमीटर तक सड़क बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। राधेश्याम ने कहा कि यह हाइवे सिर्फ मुंबई-नागपुर की दूरी कम नहीं करेगा, बल्कि राज्य के कई जिलों और गांवों को भी जोड़ने का काम करेगा। समृद्धि महामार्ग राज्य के 9 जिले, 392 गांवों से हो कर गुजरेगा। इस मार्ग के माध्यम से मुंबई से नागपुर का सफर केवल 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। रेल मार्ग से यह सफर पूरा करने में 12 से 15 घंटे का समय लगता है।
इंजिनियरिंग पर 40 हजार करोड़ खर्च
701 किलोमीटर लंबे हाइवे के निर्माण पर 55 हजार 332 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से 40 हजार करोड़ रुपये केवल इंजिनियरिंग वर्क पर खर्च होंगे। पूरे मार्ग पर 8 टनल, वायाडक्ट्स, रेल मार्ग और नदी के ऊपर पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा है। हाइवे के कारण वन्य जीवों का जीवन प्रभावित न हो, इसके लिए भी जंगल क्षेत्रों में अंडरपास और ओवरपास मार्ग तैयार किया जा रहा है।
6 औद्योगिक केंद्रों के लिए जमीन अधिग्रहण
हाइवे के करीब रहने वालों को लाभ पहुंचाने के लिए एमएसआरडीसी ने 19 औद्योगिक केंद्र बनाने का फैसला लिया है। 19 में से 8 केंद्र की योजना तैयार कर ली गई है। 8 में से 6 केंद्रों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अगले साल जून तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इन केंद्रों में विभिन्न उद्योग शुरू किए जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सकें।
40 किमी पर चार्जिंग पॉइंट
सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की योजना का भी विशेष ख्याल रखा गया है। हर 40 से 50 किमी तक हाइवे के दोनों तरफ वाहनों की चार्जिंग की व्यवस्था की गई है। राधेश्याम ने कहा, हाइवे पर ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लगाया जाएगा। इसके जरिए वाहनों की गति, लेन कटिंग, मार्ग में खराब होने वाले वाहनों पर नजर रखी जाएगी।
20 हजार लोग कर रहे काम
तय समय में काम पूरा करने के लिए 20 हजार लोग सड़क निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। लॉकडाउन के पहले परियोजना पर करीब 18 हजार लोग काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना की वजह से लोगों का गांवों की तरफ लौटने से काम करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले दो महीने में मार्ग में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है।