डेवलपर को संपत्ति सौंपने में देरी पर पांच करोड़ जुर्माना भरने के निर्देश

मुंबई, HC ने रियल स्टेट डेवलपर रिनायसांस इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिया है कि वह उस व्यक्ति को मुआवजे के रूप में 5.04 करोड़ रुपये का भुगतान करे, जिसे उसने 80 महीने की देरी के बाद भी मुंबई में उसकी संपत्ति नहीं सौंपी थी। 25 सितंबर को जस्टिस एससी गुप्ते की एकल पीठ ने महाराष्ट्र रियल स्टेट विनियामक प्राधिकरण और रेरा अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेशों को बरकरार रखा, जिसने क्रेता को मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था। डेवलपर रिनायसांस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बांबे हाईकोर्ट में इस साल जनवरी में अपील कर रेरा और रेरा अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती दी थी। रेरा के आदेश के अनुसार, खरीददार ने दिसंबर 2009 में डेवलपर से छह भूखंडों और कुछ गोदामों की इमारतों को खरीदा था।

बिक्री समझौते के अनुसार, नौ मार्च 2010 तक भंडारण भवन और भूखंड खरीददार को सौंप दिए जाने थे। इस समझौते में यह भी कहा गया कि यदि डेवलपर समय पर संपत्तियों को सौंपने में विफल रहा, तो वह खरीददार को प्रति माह 10 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से मुआवजा राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा। जब डेवलपर संपत्ति को सौंपने में विफल रहा, तो खरीददार ने रेरा से संपर्क किया जिसने मुआवजे की राशि 5.04 करोड़ रुपये के रूप में गणना की। डेवलपर ने अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष इस आदेश को चुनौती दी। इसमें उसे 50 फीसद जमा राशि तुरंत लौटाने को कहा गया था।

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