डोनाल्‍ड ट्रंप अगर राष्‍ट्रपति चुनाव हार गए, तो शांतिपूर्ण तरीके से सत्‍ता ट्रांसफर करने को राजी नहीं

नई दिल्‍ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव हारने पर सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से ट्रांसफर करने से मना कर दिया है. एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में ट्रंप से पूछा गया कि क्या आप सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से हस्तांतरण करेंगे? इस पर ट्रंप ने कहा ‘देखते हैं क्या होता है. मैंने बैलेट के बारे में कड़ी शिकायत दर्ज की है, बैलेट एक आपदा है.’

राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप पिछले एक महीने से मेल-इन वोटिंग के खिलाफ लगातार ट्वीट करते हुए अभियान चला रहे हैं. अमेरिका में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मेल-इन वोटिंग के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ट्रंप खुद मेल-इन वोटिंग का उपयोग करते हुए राज्यों में अंतर पैदा करते थे जो रजिस्टर्ड मतदाताओं को मेल बैलेट्स भेजते थे. फ्लोरिडा जैसे राज्य में बैलेट मतदान के लिए अनुरोध करने वाले मतदाता को बैलेट भेजे जाते थे.

ट्रंप ने आधारहीन बातें करते हुए कहा है कि व्यापक स्तर पर मेल-इन वोटिंग करने से धोखाधड़ी होगी. जिन पांच राज्यों में नियमित रूप से मतदाताओं को मेल मतपत्र भेजे जाते हैं, उनमें कहीं कोई धोखाधड़ी नहीं देखी गई. ट्रंप ने बुधवार को सुझाव दिया कि राज्यों को मेल बैलेट से छुटकारा मिलता है, तो शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण की चिंता नहीं होगी.

डेमोक्रेट पार्टी को बैलेट को नियंत्रण से बाहर होने के बारे में बताते हुए ट्रंप ने कहा कि आपसे बेहतर यह बात कौन जानता है. ट्रंप ने कहा कि इसकी भी संभावना नहीं है कि यूनिवर्सल मेल-इन वोटिंग से चुनाव परिणाम में अराजकता होगी. जिन पांच राज्यों में पहले से ही इस तरह का बैलेट सिस्टम है उन्हें बढ़ाने का समय है. इसके अलावा चार अन्य राज्य कैलिफोर्निया, न्यू जर्सी, नेवाडा और वर्मोंट ने इसे अपनाया है, जहां पहले ऐसा सिस्टम नहीं था. वॉशिंगटन डीसी में भी इसे अपनाया जा रहा है. नौ राज्यों में नेवाडा ही एक चुनावी मैदान है, जिसमें 6 इलेक्‍टोरल वोट की अहमियत है. राष्‍ट्रपति चुनाव में गतिरोध पैदा करने के लिए यह क्षेत्र अहम है.
कैलिफोर्निया, वर्मोंट, न्यू जर्सी और वॉशिंगटन डीसी में डेमोक्रेट पार्टी के जो बिडेन के सदस्यों को जीत मिलने की संभावना है. इन क्षेत्रों पर डेमोक्रेट की पकड़ है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 3 नवंबर को होने हैं. वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन के बीच इसके लिए टक्कर होगी. दोनों को ही चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए 270 इलेक्ट्रोल वोट की जरूरत है. कुछ राज्य ऐसे हैं जहां एकतरफा झुकाव देखा जा सकता है. कई राज्यों में दौड़-धूप भी करनी पड़ रही है. जिन राज्यों में दोनों नेताओं के लिए माहौल दिखाई नहीं दे रहा, वहां के मतदाताओं से ज्यादा संपर्क की कोशिश की जा रही है.

वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे और अब वह एक बार फिर इस कुर्सी के लिए चुनाव में उतरे हैं. इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कोरोना वायरस भी एक मुद्दा है. कोरोना के समय ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका में की गई व्यवस्थाओं को लेकर भी वोटिंग होने की पूरी संभावना जताई जा रही है. देखना यही होगा कि डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति बनते हैं या नहीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published.