भारत, US, जापान और ऑस्ट्रेलिया के इस नए संगठन से दहशत में चीन
बीजिंग/ वाशिंगटन. भारतीय सीमा, साउथ चाइना सी, हांगकांग और ताइवान में चीन की बढ़ती दादागिरी के मद्देनज़र अब भारत (India), अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने साथ आने की ठानी है. इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुक़ाबला करने के लिए ये चारों देश अब अधिक से अधिक सैन्य और व्यापारिक सहयोग करने के मकसद से एक संगठन बनाने की प्रक्रिया में हैं. फ़िलहाल इसे क्वाड- ‘क्वॉड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग’ कहा जा रहा है. हालांकि चीन ने इन संगठन के अस्तित्व में आने की सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया है.
ये चारों लोकतांत्रिक देश क्वॉड’ के तहत आपसी साझेदार हैं, लेकिन फिलहाल ये एक अनौपचारिक संगठन ही है. इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि हिंद-प्रशांत की अवधारणा ने भारत को बड़े समाधान में शामिल किया है. इतना ही नहीं ट्रंप प्रशासन क्वाड देशों जैसे समान विचार वाले साझेदारों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक नई व्यवस्था विकसित कर रहा है. एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के मुताबिक नवंबर 2017 में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए लंबे समय से लंबित क्वाड गठबंधन को आकार दिया. इसका उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र के समुद्री मार्गों को भी बिना किसी दबाव और रोक-टोक के चालू रखना है.
साउथ चाइना सी पर स्थिति गंभीर
बता दें कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, लेकिन ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं. पूर्वी एशिया और प्रशांत मामलों के ब्यूरो के सहायक विदेश मंत्री डेविड स्टिलवेल ने सीनेट की विदेश मामलों की समिति से कहा, ‘आपने देखा है कि भारत इस संबंध में बहुत मजबूत है. हिंद-प्रशांत की अवधारणा ने भारत को बड़े समाधान में शामिल किया है.’ अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री और उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफ़न बेगन ने कहा कि ‘क्वॉड ‘साझा हितों’ के आधार पर गठबंधन को औपचारिक रूप देने पर चर्चा करने के लिए अक्तूबर महीने के अंत तक नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित करने की योजना बना रहा.’ स्टीफ़न बेगन की यह टिप्पणी भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के दूतों से ‘एक संयुक्त पहल की शुरुआत’ पर सहमति मिलने के बाद आई.
एशिया में नाटो जैसा संगठन
जानकारों के मुताबिक अमेरिका अब इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के नजरिये से एक नाटो जैसा संगठन बनाना चाहता है. चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड आर्थिक परियोजना के चलते ज्यादातर दक्षिण एशियाई देशों में उसके सैन्य अड्डे बन रहे हैं और अमेरिका इससे चिंतित है. क्वॉड के जरिए अमेरिका दक्षिण एशिया के बड़े देशों जैसे भारत-जापान को चीन के खिलाफ खड़ा करने की तैयारी में है.
हालांकि चीनी मीडिया लगातार इस ‘क्वॉड’ के बनने की संभावना को ख़ारिज कर रहा है. चीनी सरकार का मुखपत्र कहे जाने वाले अख़बार ‘द ग्लोबल टाइम्स’ ने 20 अगस्त को लिखा, “चीन-भारत और चीन-जापान संबंधों में उस तेज़ी से गिरावट नहीं आई है, जिस तेज़ी से चीन और अमेरिका के संबंधों में आई है.” अख़बार ने यह भी लिखा, “भारत के साथ बातचीत अभी भी सामान्य प्रवृत्ति से जारी है और जापान को महामारी के बाद अपने आर्थिक विकास के लिए चीन की ज़रूरत होगी.” उधर ट्रंप खुलकर कह रहे हैं कि एशिया को भी अब नाटो जैसे एक संगठन की ज़रूरत है.