मुंबई : सायन अस्पताल व शताब्दी अस्पताल में शवों की अदला-बदली

मुंबई : सायन अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही एक परिवार को भारी पड़ गई. पोस्टमॉर्टम विभाग के कर्मचारियों ने एक 28 वर्षीय युवक का शव दूसरे परिवार को सौंप दिया. उस परिवार ने युवक का अंतिम संस्कार भी कर दिया.ऐसे में युवक के परिवार को अपने मृतक का अंतिम संस्कार करना भी नसीब नहीं हो सका.इस मामले में बीएमसी ने कार्रवाई करते हुए दो कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है.
वडाला के रहने वाले अंकुश सर्वदे सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे. उसे सायन अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन रविवार को उसकी मौत हो गई. इसी दरम्यान अस्पताल में हेमंत दिगंबर को लाया गया जिसने आत्महत्या कर ली थी. दोनों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. दिगंबर के परिजनों ने अंकुश के शव की शिनाख्त करके सभी कागजी प्रक्रिया पूरी कर अंकुश के शव को लेकर चले गए. जब तक सर्वदे परिवार को इस घटना के बारे में पता चला तब तक दिगंबर परिवार ने अंकुश का अंतिम संस्कार कर दिया था.
मृतक की बहन जयश्री सर्वदे ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसे पहले अपने भाई के शव को देखा था तो उसके पेट में टाके लगाए गए थे. हालांकि अस्पताल के डीन डॉ. मोहन जोशी ने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान गुर्दा निकालने के आरोपों बेबुनियाद है. पोस्टमॉर्टम के समय एक प्रक्रिया के तहत पेट कुछ पार्ट्स को पेट में रखा जाता है. इसलिए पेट में टाके लगाए गए. दोषी पाए गए कर्मियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच जारी है. कांदिवली स्थित मनपा के शताब्दी अस्पताल में एक 80 वर्षीय कोरोना संक्रमित बुजुर्ग का शव अस्पताल से गायब हो गया और बोरीवली रेलवे स्टेशन के समीप पाया गया था. घाटकोपर स्थित राजवाड़ी अस्पताल से भी 27 वर्षीय कोरोना संक्रमित युवक का शव अस्पताल से गायब हो गया था. ये दोनों ही मामलों की तहकीकात जारी है.

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