ठाणे : उपनगरीय रेलवे में फिलहाल अंधेरी से विरार के बीच कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे भीड़ भरा सफर होता है। पीक आवर्स में बोरिवली तो भूल जाइए, अंधेरी से भी विरार के लिए ट्रेन के चढने या उतरने की जगह नहीं मिलती। इस हड्डियां तोड़ने वाली भीड़ को कम करने के लिए इस सेक्शन में 15 डिब्बों की लोकल ट्रेन और वह भी स्लो ट्रैक पर चलाने की योजना बनाई गई थी। इस योजना का 80% इंफ्रा वर्क पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि 2021 में यहां स्लो ट्रैक पर 15 डिब्बों की ट्रेनें दौड़ेंगी।
वर्तमान में पश्चिम रेलवे के फास्ट कोरिडोर पर रोजाना 15 डिब्बों की 54 सर्विस चलती हैं। लेकिन ये ट्रेनें बीच के स्टेशन पर प्लैटफॉर्म की लंबाई पर्याप्त नहीं होने के कारण रुक नहीं पाती हैं। इसलिए स्लो ट्रैक पर प्लॅटफॉर्म विस्तार की योजना बनाई गई थी। यह काम पहले जनवरी 2020 तक होना था, लेकिन बाद में काम मे हो रही देरी के कारण इनका नया लक्ष्य दिसंबर 2020 रखा गया है।
इस परियोजना के लिए 59.5 करोड़ रुपये मंजूर हुए थे, जबकि इस बार के बजट में 12 करोड़ रुपये मिले हैं। अधिकारी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए और भी फंड की आवश्यकता पड़ेगी। यात्री क्षमता के लिहाज से पीक आवर्स में 15 डिब्बों की लोकल में करीब 6 हजार यात्री सफर कर सकते हैं। 12 डिब्बों की एक लोकल में अनुमानित 3 हजार यात्री समा सकते हैं, लेकिन शाम और सुबह भीड़ के वक्त 12 डिब्बों की एक लोकल में 4-5 हजार यात्री सफर करते हैं। 15 डिब्बों की लोकल में यह संख्या 6 से 6.5 हजार तक बढ़ सकती है, जिससे अन्य ट्रेनों में भीड़ कम होगी।
बीते कुछ सालों में पश्चिम रेलवे पर दक्षिण मुंबई में रहने वाले अधिकांश लोग उपनगरों में खासतौर पर अंधेरी से विरार के बीच पलायन कर चुके हैं। इससे विरार, बोरीवली, मीरा रोड, भाईंदर और अंधेरी में भीड़ बढ़ी है। शाम के वक्त यदि बोरिवली से विरार की ओर जाने के लिए स्लो ट्रेन पकड़नी हो, तो लगभग असम्भव है। इसके साथ ही मुंबई में बोरिवली और विरार ट्रेनों के यात्रियों का विवाद भी अब पुराना हो गया है। स्लो ट्रैक पर क्षमता बढ़ने से इन तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलने की उम्मीद है।