पालघर :कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने निकले लाउडस्पीकर टीचर

पालघर : कोरोनावायरस की वजह से अब जहां पढ़ाई आॅनलाइन की जा रही है तो वहीं ऐसे कई गरीब बच्चे हैं, जो स्मार्टफोन नहीं होने के वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इन बच्चों की पढ़ाई के लिए अब कुछ लोगों ने एक नया तरीका निकाला है और लाउडस्पीकर की मदद से इन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। पालघर के दंडवल गांव में कुछ इस तरह से बाइक पर लाउडस्पीकर ले जाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। पालघर राज्य के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक हैं, जहां गरीबी बहुत ज्यादा है। ऐसे में इस तरह से लाउडस्पीकर के जरिए बच्चे पढ़ रहे हैं। वह उन्हें स्पीकर टीचर कह रहे हैं और इसकी वजह से उनकी पढ़ाई पूरी हो पा रही है। 8वीं कक्षा का छात्र ओंकार कहता है, लॉकडाउन की शुरूआत में हम ऐसे ही घर पर रहते थे, कोई पढ़ाई नहीं करते थे, लेकिन एक दिन स्पीकर भैया गांव में आए। वो हमें कविताएं, अंग्रेजी, ग्रामर सब कुछ सिखाने लगे। 5वीं में पढ़ने वाली ज्योति कहती है, कोरोना के बाद से स्कूल बंद है और अब एक नए तरीके से स्कूल की शुरूआत हुई है। हर रोज सुबह 8 बजे हम स्पीकर से पढ़ाई करते हैं। हर रोज बच्चों को जो पढ़ाया जाना है, उसे पहले इस स्पीकर पर रिकॉर्ड किया जाता है, उसके बाद इस स्पीकर को अलग-अलग गांवों में ले जाया जाता है और सैकड़ों बच्चों को इसका फायदा होता नजर आ रहा है। दिगंता स्वराज फाउंडेशन के डायरेक्टर राहुल टिवरेकर कहते हैं, यहां सभी गरीब परिवार के लोग मौजूद हैं। कई लोगों की पहली पीढ़ी है, जो पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें इतनी मदद भी नहीं मिल पाती क्योंकि परिवार वाले खेती या मजदूरी में व्यस्त होते हैं। ऐसे में इन स्पीकर से बच्चों की मदद हो पा रही है। देशभर में इस तरह के कई सारे बच्चे हैं, जिनकी पढ़ाई इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि वह गरीब हैं।

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